Concept of Locomotor Disability
लोकोमोटर डिसेबिलिटी का मतलब है शारीरिक गतिशीलता में कमी या समस्या होना। जिससे वह चलने, दौड़ने, बैठने, उठने, और अन्य दैनिक कार्यों को संभालने में मुश्किल होती है। इस तरह की डिसेबिलिटी अक्सर हड्डियों, मांसपेशियों, या नर्व सिस्टम में कमी के कारण होती है और व्यक्ति की गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है।
इसके कुछ मुख्य कारणों में शामिल होते हैं:
- कई बार घातक चोटें या दुर्घटनाएं शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती हैं, जो लोकोमोटर डिसेबिलिटी का कारण बन सकती हैं।
- कुछ लोग जन्म से ही बाहरी शारीरिक विकारों या समस्याओं के साथ पैदा होते हैं, जो उन्हें चलने फिरने में प्रतिबंधित कर सकती हैं।
- कुछ शारीरिक बिमारियाँ या रोग भी लोकोमोटर डिसेबिलिटी का कारण बन सकती हैं, जैसे कि Osteoporosis, Arthritis, मस्तिष्क की बिमारियाँ, आदि।
- वृद्धावस्था: बढ़ती Age में, मांसपेशियों की कमजोरी, Osteoporosis, और अन्य वृद्धावस्था के लक्षण लोकोमोटर डिसेबिलिटी का कारण बन सकते हैं।
इन सभी कारणों के अलावा, कई अन्य निर्धारित और अनियमित जीवनशैली के कारक भी इसे बढ़ा सकते हैं, जैसे कि असंतुलित खान-पान, अस्वस्थ वजन, और अत्यधिक दुर्लभ गतिविधियों का अभाव।
Locomotor Disability का अर्थ
इस तरह की स्थिति से बचाव के लिए, योग और व्यायाम, स्वस्थ आहार, सही आसन और उचित चिकित्सा देखभाल का पालन करना महत्वपूर्ण है। नियमित चेकअप और सम्यक उपचार भी इस स्थिति को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं।”लोकोमोटर डिसेबिलिटी” का शब्द लेटिन भाषा के दो शब्दों से बना है। “लोको” शब्द का अर्थ है “फ्रॉम” या “एक स्थान से दूसरे स्थान पर,” और “मोटिव” का मतलब है “मोवमेंट” या “गति”।
इस तरह, “लोकोमोटर डिसेबिलिटी” एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को चलने या दौड़ने में मुश्किल होती है। इसके कारण उनकी बोन्स, जॉइंट्स, और मसल्स में कुछ प्रॉब्लम होती है जिससे वे मूवमेंट में कठिनाई महसूस करते हैं। इसलिए, इसे “मोबिलिटी डिसेबिलिटी” या “गतिशील बाधा” के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ पर व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में असमर्थता होती है, जिसे हम हिंदी में “चलने फिरने में असमर्थता” कह सकते हैं।
Definition of Locomotor Disability
लोकोमोटर डिसेबिलिटी को RCI Act, 1992 के अनुसार निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया गया है:
“लोकोमोटर डिसेबिलिटी” किसी व्यक्ति को ऐसी स्थिति में विशेष कर लिया जाता है जहां उनकी शारीरिक क्षमता में कोई अभाव होता है, जिससे वह अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों को समायोजित करके गतिविधियों को सम्पन्न नहीं कर पाता। यह समस्या उनकी हड्डियों, मांसपेशियों, नसों, और अन्य शारीरिक अंगों में घायलता के कारण हो सकती है। इस प्रकार, व्यक्ति उन गतिविधियों में सीमित होता है जो उसे स्वतंत्रता से करने में सक्षम होनी चाहिए।”
आसान शब्दों में, लोकोमोटर डिसेबिलिटी का मतलब है कि उस व्यक्ति की बोन्स, मसल्स, और जॉइंट्स में कोई समस्या हो जिसके कारण वह अपने शरीर के अंगों को सही से नहीं इस्तेमाल कर पाता है।
Signs And Symptoms of Locomotor Disability
Locomotor Disability से प्रभावित बच्चों के कई सामान्य Symptoms हो सकते हैं। ये Symptoms उनके शारीरिक और Mental Health पर प्रभाव डालते हैं और उनके दैनिक जीवन में कई परेशानियों का कारण बन सकते हैं।
- अर्थिक कंट्रोल की कमी: Locomotor Disability से प्रभावित बच्चों को अपने हाथों और बाहों को सही तरीके से उठाने और पकड़ने में कठिनाई हो सकती है।
- बच्चों का पूर्व मोटर कंट्रोल और कोआर्डिनेशन की कमी: उन्हें चीजों को पकड़ने और उन्हें अपनी बॉडी को सही ढंग से संरचित करने में कठिनाई हो सकती है।
- स्केलेटल डिफॉर्मिटीज: ये सिम्टम्स शरीर के स्केलेटल ढांचे में असमानता या विकृति का परिणाम हो सकते हैं, जो बच्चों की स्थिति को और भी जटिल बना सकते हैं।
- अवस्थिति और राइटिंग फेक्ट्स: बच्चों की गतिविधियों और शारीरिक स्थिति में असमानता के कारण, उन्हें बैठने, खड़े होने, या चलने में समस्याएं हो सकती हैं।
इन सिम्टम्स के साथ-साथ, Locomotor Disability से प्रभावित बच्चों को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों का सामना भी करना पड़ सकता है, जिससे उनकी जीवनशैली पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है।
Skeletal Deformity के कारण, व्यक्ति या बच्चा अपने शारीरिक गतिविधियों में कई प्रकार की परेशानियों का सामना कर सकता है। यह अक्सर उनकी Posture, Syntax, और गतिविधियों में असमानता का कारण बनता है। उन्हें खुद की Posture और चलने की विधि में बदलाव आ सकता है, जो उन्हें अन्य लोगों से अलग बना सकता है।
इसके साथ ही, इन व्यक्तियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है, क्योंकि उन्हें शिक्षा या रोजगार में कई मामलों में उनकी कमजोरियों के कारण प्रतिबंधित किया जा सकता है। उनकी विभिन्न समाजिक और शैक्षिक अवसरों में भाग लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे उनका स्वाभिमान और आत्मविश्वास प्रभावित हो सकता है। इसलिए, स्केलेटल डिफॉर्मिटी वाले व्यक्तियों को समर्थ और सहायक माध्यमों की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें उनकी क्षमताओं के अनुसार समर्थन मिल सके और वे समाज में समानता का हिस्सा बन सकें।
Locomotor Disability प्रकार
Locomotor Disability कई प्रकार की होती है और इन्हें विभिन्न तरीकों में वर्गीकृत किया जा सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं:
- अपर एक्सट्रिमिटी लोकोमोटर डिसेबिलिटी (Upper Extremity Locomotor Disability): इसमें ऊपरी अंगों में अस्थि, मांसपेशियों या नसों में किसी प्रकार की बाधा होती है। इसमें शोल्डर, कोहनी जोड़ों और हाथों में विकार शामिल हो सकते हैं। यह व्यक्ति की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें हाथों को सही ढंग से उठाने या उपयोग करने में समस्या हो सकती है।
- लोअर एक्सट्रिमिटी लोकोमोटर डिसेबिलिटी (Lower Extremity Locomotor Disability): इसमें शरीर के निचले हिस्से में अस्थि, मांसपेशियों या नसों में किसी प्रकार की बाधा होती है। यह लेग्स, घुटनों, टीबीएस और पैरों में विकारों को संकेत कर सकता है जो व्यक्ति के चलने और उनकी आम गतिविधियों को प्रभावित कर सकते हैं।
- लोकोमोटर डिसेबिलिटी ऑफ ट्रंक और स्पाइन (Trunk and Spine Locomotor Disability): इसमें कमर और रीढ़ के स्पाइनल कॉर्ड में किसी प्रकार की समस्या होती है, जो व्यक्ति की बैठने, खड़े होने, और झुकने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
ये कुछ प्रमुख Locomotor Disability के प्रकार हैं, जो व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियों पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालते हैं।
Locomotor Disability in case short staturey dwarfism
जब किसी व्यक्ति की हाइट बहुत ही छोटी रह जाती है, तो उसे “ड्वार्फिज़म” कहा जाता है। यह एक जेनेटिक और मेडिकल कंडीशन हो सकता है जिसकी वजह से उनके शारीरिक विकास में बोनापन का कमी होता है। यह आमतौर पर जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होता है, जिसमें जीनों में परिवर्तन होता है जो हाइट को प्रभावित करता है। इस प्रकार की Locomotor Disability उन व्यक्तियों में हो सकती है जिनकी हाइट बहुत ही छोटी होती है।
एम्यूटिस का मतलब “पर्सन या व्यक्ति” का होता है, जो लोगों के जीवन में प्रभाव डालने के लिए उनके प्रतिसाद की क्षमता को संकेत करता है। इस तरह की Locomotor Disability में, व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करने वाले अंगों या आंतरिक जीनों में कोई समस्या हो सकती है। इससे व्यक्ति को अपने आप को सही ढंग से स्थिरता और संतुलन में रखने में कठिनाई हो सकती है, जो उन्हें Locomotor Disability के लक्षणों के रूप में महसूस हो सकता है।
अंप्यूटेशन का मतलब होता है किसी व्यक्ति की बॉडी से किसी अंग को हटा देना, जैसे कि एक हाथ या पैर। इसे अक्सीडेंट, मेडिकल इंश्योर्गेंसी या किसी सर्जरी के दौरान ट्रमा या बीमारी के कारण किया जा सकता है। एम्प्यूटेशन के बाद, व्यक्ति को अंग के अभाव के साथ जीने के लिए अनुकूलता की आवश्यकता होती है।
Types Of Locomotor Disability
1. Congenital Cause
कंजेनिटल Locomotor Disability एक प्रकार की Locomotor Disability है जो व्यक्ति को जन्म के समय ही हो जाती है। यह विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे गर्भावस्था के दौरान होने वाली इंफेक्शन, पोषण संबंधी कमियों, या मात्रिक संदर्भ में अपर्याप्त पोषण।
इस तरह की डिसेबिलिटी के कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित होते हैं:
- क्लब फूट (Clubfoot): यह एक सामान्य Locomotor Disability है जिसमें बच्चे का पैर विकृत होता है। इसमें पैर का आरामदायक स्थिति में विकार होता है और यह पैर नॉर्मल रूप से नहीं विकसित होता है।
- फ्यूज्ड डिसलोकेशन ऑफ हिप (Fused Dislocation of Hip): यह एक और प्रमुख कंजेनिटल डिसेबिलिटी है जिसमें हिप जॉइंट गलत ढंग से डिस्लोकेट हो जाता है या जोड़ खुल जाता है।
- वेब फिंगर्स (Webbed Fingers): इसमें बच्चे के उंगलियों के बीच में आरामदायक अंतर होता है, जिससे वे सामान्य रूप से विकसित नहीं होते।
- डिस्क लोकेशन (Dislocation): इसमें किसी इंजरी के कारण हिप की बोन अपनी सामान्य स्थिति से बाहर हो जाती है, जिससे समान्य चालने-फिरने में प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
ये सभी प्रमुख कंजेनिटल डिसेबिलिटी के प्रमुख प्रकार होते हैं, जो बच्चे के जन्म के समय ही दिखाई देते हैं और बच्चे के उच्च अंगों में विकार होता है।
2. Hereditary Cause
हेरेडिटरी कारण वह मुख्यतः वे कारण हैं जो जेनेटिक मेकैनिज्म के काम को बिगाड़ते हैं। इनका आवरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक होता है। अर्थात, यदि किसी बच्चे के माता-पिता में किसी Locomotor Disability के लक्षण होते हैं, तो उस बच्चे को भी इस तरह की समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि बच्चे के माता-पिता में वह लक्षण नहीं होते, लेकिन बच्चे में ऐसी समस्याएं होती हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है
क्योंकि हेरेडिटरी मेकैनिज्म में कोई बाधा आ जाती है। इसे जाँचा जाता है। इसका मतलब है की किसी परिवार में किसी को एक डिजीज थी वो डिजीज बच्चो में भी हो सकती हैं जिसे हेरेडिटरी कारण कहते हैं। लेकिन हेरेडिटरी कारण वही थी है इसका मतलब आप आधे लोगों को दिखता है कि हेरेडिटरी कारण क्या होता है।
3. Acquired Cause
एक्वायर्ड कॉज डिफेक्ट आर ड्यू तू बर्थ, इंजरी, एक्सीडेंट, न्यूट्रिशन डिफिशिएंसी, बोन्स और जॉइंट्स की कमियों, और वायरल इन्फेक्शन्स सहित कई कारण हो सकते हैं। ये वह कारण होते हैं जो बच्चे को जन्म के बाद मिलते हैं, जैसे किसी चोट या अपघात के कारण, या उसके सही पोषण की कमी, या उसकी हड्डियों और जोड़ों में कोई अविकार, या वायरल संक्रमण के कारण।
Characteristics of Locomotor Disabled Children
Locomotor Disability वाले बच्चों की विशेषताओं को समझना महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ विशेषताएं हैं जो इन बच्चों में देखी जा सकती हैं:
- शारीरिक दर्द और असहनीयता: Locomotor Disability वाले बच्चे अक्सर शारीरिक दर्द और असहनीयता का सामना करते हैं। यह उन्हें चलने, बैठने और अन्य दिनचर्याओं में कठिनाई महसूस कराता है।
- सामाजिक और संवादात्मक संबंधों में कमी: इन बच्चों को अक्सर सामाजिक और संवादात्मक संबंध बनाने में कठिनाई होती है। वे अपने पीछे रह सकते हैं और अपने प्रेषण को साझा करने में असमर्थ हो सकते हैं।
- मोटर कौशलों की कमी: इन बच्चों को मोटर कौशलों में कमी हो सकती है, जिसके कारण उन्हें उत्पन्न कार्यों को करने में कठिनाई होती है। वे अक्सर कुछ चीजें नहीं पकड़ सकते और उठा नहीं सकते।
- शारीरिक असहनीयता: इन बच्चों को अक्सर शारीरिक असहनीयता की समस्या होती है, जो उन्हें सोने और आराम करने में कठिनाई पहुंचा सकती है।
- सामाजिक और शैक्षिक समर्थन की जरूरत: इन बच्चों को सामाजिक और शैक्षिक समर्थन की अधिक आवश्यकता होती है ताकि उन्हें सामाजिक और शैक्षिक आवस्था में सहारा मिल सके।
यह संक्षेप में कुछ मुख्य विशेषताएं हैं जो Locomotor Disability वाले बच्चो
Locomotor Disability के साथ व्यक्ति को न केवल शारीरिक स्तर पर प्रॉब्लम होती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी वह अनेक समस्याओं का सामना करता है। निम्नलिखित विशेषताएं उन लोगों के लिए सामान्य हो सकती हैं जिनमें Locomotor Disability होती है:
- स्वास्थ्य सेल्फ-इमेज: यह लोगों के स्वास्थ्य सेल्फ-इमेज को प्रभावित कर सकता है, जिससे वे खुद को असमर्थ और असफल महसूस कर सकते हैं।
- सामाजिक रिटायर्डेशन: अक्सर इन व्यक्तियों को सामाजिक रूप से अलग महसूस हो सकता है, जो उन्हें अकेलापन और असंतोष महसूस कराता है।
- सामाजिक और मानसिक सम्बंधों में कमी: इन व्यक्तियों के लिए सामाजिक और मानसिक सम्बंध बनाना या बनाए रखना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- आत्मविश्वास कमी: यह व्यक्तियों के आत्मविश्वास को कम कर सकता है और उन्हें अपने योग्यताओं का अंदाजा लगाने में कठिनाई हो सकती है।
- व्यक्तिगत और पेशेवर उत्थान: इन व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत और पेशेवर उत्थान के लिए सामाजिक और मानसिक समर्थन की आवश्यकता हो सकती है।
- अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं: इन व्यक्तियों को अक्सर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं।
Prevention for Motor Disabled Children.
मोटर डिसेबिलिटी वाले बच्चों के लिए प्रीवेंटिव मार्गों के कुछ उपाय हो सकते हैं:
- नियमित चिकित्सा जाँच: बच्चों को नियमित चिकित्सा जाँच और स्क्रीनिंग के लिए ले जाना चाहिए ताकि किसी भी संभावित डिसेबिलिटी को शुरूआती स्तर पर पहचाना जा सके।
- प्रेनेटल केयर: मां को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण, व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान सही चिकित्सा सेवाओं का भी सहारा लेना चाहिए।
- शिशु स्वास्थ्य देखभाल: जन्म के बाद, बच्चे को नियमित डॉक्टर की जाँच और टिमेली वैक्सिनेशन के लिए ले जाना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान शिक्षा: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सही शिक्षा और जानकारी प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकें।
- संपर्क और समर्थन: मोटर डिसेबिलिटी वाले बच्चों के परिवार को सहायक संगठनों, समुदाय समूहों, और सरकारी योजनाओं के संपर्क में रहना चाहिए।
- शिक्षा और विकास का समर्थन: बच्चे को समर्थन और सहायता के साथ उनकी शिक्षा और विकास का समर्थन करना चाहिए। विशेष शिक्षा सेवाएं और विकलांगता निर्देशिकाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए।
- विशेष उपकरण और सुविधाएँ: बच्चों के लिए विशेष उपकरण और सुविधाएँ उपलब्ध कराना चाहिए जो उन्हें स्वतंत्रता और स्वावलंबन में मदद कर सकते हैं।
- समाजिक सहयोग: समाज में बच्चों को समाजिक और परिवारी सहयोग प्रदान करना चाहिए ताकि वे स्वीकार्य और स्वतंत्र जीवन जी सकें।
ये सभी प्रेरणात्मक एवं वाणिज्यिक प्रेरित उपाय हैं जो मोटर डिसेबिलिटी वाले बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।